हौसला

February 1, 2024

हम घरों मे बंद हैं 

वो चौराहे पर खड़ा है,

शायद उसका हौसला,

कोरोना से भी बड़ा है।

मौसम चाहे जैसा भी हो,

सर्दी, गर्मी या बरसात हो, 

हर परिस्थिति में वो अड़ा है,

शायद उसका हौसला,

कोरोना से भी बड़ा है। 

चाहे आतंकी से पंगा हो,

संभालना देश का दंगा हो,

वह एक साथ सबसे लड़ा है, 

शायद उसका हौसला, 

कोरोना से भी बड़ा है।

सबकी सांसें अटक रही हैं,

कई आत्माएं भटक रही हैं,

सब अपने घर भाग रहे,

कल की फिक्र में जाग रहे,

देश का सच्चा सपूत अपने

कर्तव्य पथ पर खड़ा है,

शायद उसका हौसला,

कोरोना से भी बड़ा है।