ये हवा क्या करेगी

February 8, 2024

ये हवा क्या करेगी
चारो ओर बह रहा नफरतों का बयार,
मैंने खड़ी कर दी चाहतों की दीवार
बहने दे, ये हवा क्या करेगी?

कि फिजा में घुल रही थी,
रिश्तों के कड़वाहट की गंध,
मैंने लगा दिए हजारो गुलाब
घुलने दे, ये हवा क्या करेगी?

हवा बही कुछ ऐसी कि-
उसने करनी चाही दुश्मनी मुझसे,
मैंने बढ़ा दिए दोस्ती के हाथ।
बहने दे, ये हवा क्या करेगी?