आप ओड़िशा के बैदापोसी से निकलकर आई,
संघर्षों और मेहनत के बल चारो ओर हैं छाई।
आपकी गाथा सुन भावनाओं से ओत-प्रोत हैं, आप महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा की स्रोत हैं।
ये महाभारत की द्रौपदी नहीं,
जो संकट में कृष्ण को पुकारेगी,
ये कलयुग की द्रौपदी है जो हर विध्न, बाधा औ संकट से संपूर्ण मानवता को उबारेगी।
मिलूं आपसे, राखी बाँधू, थी हमारी चाह,
स्नेह को पाकर आपका बढ़ा मेरा उत्साह।
राखी बांध कलाई पर, मांगूं एक उपहार,
सदा सुरक्षित रहे बेटियाँ, न हो अत्याचार ।।
हम सबों को इस बात का आज है बेहद गर्व,
आपके संग मना रहा हूँ, रक्षाबंधन का पर्व ।